नैमिषारण्य में गोमती नदी किनारे नए घाट का निर्माण कराएगी योगी सरकार, चार करोड़ से ज्यादा का आएगा खर्च

लखनऊ:उत्तर प्रदेश सरकार नैमिषारण्य धाम में पर्यटन विकास और गोमती नदी किनारे स्थित घाटों के सौंदर्यीकरण पर विशेष रूप से फोकस कर रही है। 88 हजार ऋषियों की तपोभूमि के रूप में विख्यात नैमिष तीर्थ क्षेत्र वही पुण्य क्षेत्र है जहां महर्षि वेदव्यास द्वारा 4 वेद, 6 शास्त्र, 18 पुराण, श्रीमद्भगवद्गीता, महाभारत महाकाव्य और श्री सत्यनारायण व्रत कथा की रचना की गई थी।

नैमिषारण्य का धार्मिक महत्व कितना ज्यादा है इसका पता इसी बात से चलता है कि चार धाम की यात्रा भी नैमिषारण्य के दर्शन किए बिना अधूरी मानी जाती है। यही कारण है कि काशी, अयोध्या, मथुरा, वृन्दावन, ब्रज क्षेत्र तथा विंध्य तीर्थ क्षेत्र के विकास के साथ ही योगी सरकार अब नैमिषारण्य में भी कई परियोजनाओं को पूर्ण करने पर फोकस कर रही है। इसी क्रम में, नैमिषारण्य के विभिन्न घाटों के सौंदर्यीकरण व पर्यटन विकास की गतिविधियों को बढ़ाने के साथ ही अब गोमती नदी के किनारे एक नए घाट का निर्माण भी कराने जा रही है। यूपी प्रोजेक्ट कॉर्पोरेशन लिमिटेड को इस कार्य का जिम्मा सौंपा गया है और माना जा रहा है कि वर्षा अवधि के अतिरिक्त 12 महीनों में इस कार्य को पूरा कर लिया जाएगा।

राजघाट तथा दशाश्वमेध घाट के बीच होगा नए घाट का निर्माण
प्रदेश में सभी तीर्थ क्षेत्रों के विकास को लेकर एक बड़ी कार्ययोजना का निर्माण किया गया था। इसी कार्ययोजना के अंतर्गत नैमिष तीर्थ क्षेत्र में नए घाट के निर्माण, पुराने घाटों के जीर्णोद्धार, सौंदर्यीकरण व पर्यटन विकास के कार्यों को गति दी जाएगी। ऐसे में, परियोजना के अंतर्गत जिस नए घाट का निर्माण नैमिष तीर्थ क्षेत्र में होना निश्चित हुआ है वह राजघाट से दशाश्वमेध घाट के बीच स्थित होगा।

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