सपा विधायक पूजा पाल भाजपा प्रत्याशी के लिए मांग रहीं वोट, बोलीं- योगी ने दिलाया न्याय

प्रयागराज: समाजवावादी पार्टी की विधायक पूजा पाल फूलपुर उप चुनाव में भाजपा प्रत्याशी दीपक पटेल के लिए वोट मांग रही हैं। उन्होंने कई गांवों में दौरा कर भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने की अपील की। पूजा पाल पूर्व विधायक राजू पाल की पत्नी हैं, जिनकी माफिया अतीक अहमद और अशरफ ने हत्या करवा दी थी। पूजा पाल वर्तमान में कौशाम्बी जिले की चायल विधानसभा सीट से सपा की विधायक हैं। उन्होंने राज्यसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान न करके भाजपा के उम्मीदवार को वोट दिया था। इसके बाद से सपा ने उनसे दूरी बना ली है।

जिसने न्याय दिलाया उसके साथ हूं

पूजा पाल ने कहा कि जिसने उन्हें न्याय दिलाया हम उसके साथ हैं। अतीक अहमद से लड़ना काफी कठिन था, लेकिन योगी ने न्याय दिलाने का कार्य किया। 18 साल से अतीक से लड़ रहे थे। पूजा ने कहा कि जिसने हमारा और हमारे समाज का सम्मान बढ़ाया है हम उसके साथ हैं।
लोकसभा चुनाव में भी नहीं किया था सपा का प्रचार

पूजा पाल ने लोकसभा चुनाव में भी समाजवादी पार्टी से दूरी बनाए रखीं। वह अखिलेश यादव या सपा के अन्य किसी नेता के साथ मंच पर भी नजर नहीं आईं। हालांकि लोकसभा चुनाव में वह खुलकर भाजपा प्रत्याशी के लिए भी प्रचार नहीं किया था, लेकिन फूलपुर उप चुनाव में वह खुलकर भाजपा प्रत्याशी के लिए प्रचार कर रही हैं और पर्चे बांट रही हैं। उनके प्रचार का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

पति राजू पाल की विधायक रहते हो गई थी हत्या

माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ को 2004 के विधानसभा चुनाव में शहर पश्चिमी से हराने के कुछ महीने बाद ही राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई। राजू पाल ने बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। हत्या का आरोप माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ पर लगा। एक बाद हुए विधानसभा चुनाव में पूजा पाल ने खालिद अजीम उर्फ अशरफ को पराजित किया था।

ओबीसी बाहुल्य है फूलपुर विधानसभा

फूलपुर विधानसभा ओबीसी बाहुल्य है। यहां पर कुर्मी और यादव मतदाताओं की संख्या काफी अधिक है। यही कारण है कि भाजपा हर बार किसी पिछड़ी जाति से जुड़े व्यक्ति को ही चुनाव मैदान में उतारती है। इसके पहले प्रवीण पटेल यहां से विधायक थे। उनके सांसद बनने के बाद दीपक पटेल को भाजपा ने उप चुनाव में टिकट दे दिया है। दीपक की मां केशरी देवी पटेल फूलपुर से सांसद भी रह चुकी हैं और दीपक करछना सीट से बसपा के टिकट पर विधानसभा पहुंच चुके हैं। बाद में उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था।

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