पिथौरागढ़ से धारचूला तक चमके पहाड़, बर्फ से ढकी गाड़ियां; ठंड से लोग बेहाल

पिथौरागढ़:  पिथौरागढ जिले की ऊंची चोटियां बर्फ से लकदक हो गई हैं। पर्यटकों ने मुनस्यारी में बर्फबारी का जमकर लुत्फ उठाया। निचले इलाकों में हुई झमाझम बारिश से लोगों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ रहा है।

पिथौरागढ जिले के अधिकांश जगहों पर बीते दिन से ही बादल छाए रहे। शनिवार तड़के जिला मुख्यालय और आसपास के क्षेत्रों में हल्की बारिश हुई। बाद में कुछ देर के लिए धूप निकली लेकिन दोपहर एक बजे से झमाझम बारिश शुरू हो गई। इससे बाजार में भी सन्नाटा पसरा रहा। उधर मुनस्यारी के खलिया, बलाती समेत हंसलिंग, राजरंभा, पंचाचूली, छिपलाकेदार आदि चोटियों में बर्फबारी हुई।

नए साल का जश्न मनाने मुनस्यारी आए पर्यटकों ने बर्फबारी का जमकर आनंद उठाया। इस समय क्षेत्र के अधिकांश होटल और होम स्टे बुक चल रहे हैं। बर्फबारी से पर्यटकों के साथ ही होटल, होम स्टे संचालकों के चेहरे भी खिल उठे। अस्कोट, बंगापानी, डीडीहाट, बेड़ीनाग आदि जगहों पर बारिश से लोगों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ रहा है।

कालामुनि-बेटुलीधार में बंद रही हिमनगरी की सड़क
मुनस्यारी में बर्फबारी के चलते थल-मुनस्यारी मार्ग शुक्रवार की रात बंद हो गया। सुबह सड़क यातायात के लिए खोल दी। इससे पिथौरागढ़, हल्द्वानी आदि जगहों पर जाने वाले यात्रियों को राहत मिली। बाद में हिमपात के चलते कालामुनि और बेटुलीधाार में सड़क फिर से बंद हो गई। इससे मुनस्यारी आने वाले यात्रियों के साथ ही पर्यटक भी फंस गए। यदि हिमपात के चलते सड़क बंद रही तो यहां आने वाले पर्यटकों के साथ ही पर्यटन कारोबारियों को मायूसी का सामना करना पड़ सकता है।

बारिश से फसलों को मिली संजीवनी
थल और नाचनी में सर्दियों के मौसम की पहली बारिश शुक्रवार की रात 10 बजे से शुरू हुई। इससे फसल और सब्जियों को नई संजीवनी मिल गई है। शनिवार की सुबह बादल छाए रहने से रामगंगा घाटी क्षेत्र से कोहरा हट गया। सुबह दस बजे बाद कुछ देर धूप निकली लेकिन अपरान्ह एक बजे से फिर से बारिश शुरू हो गई है। इससे जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। ठंड के चलते लोग घरों के भीतर रजाई में दुबके रहे। उधर नाचनी में शुक्रवार रात से ही रुक-रुक कर बारिश जारी रही। बारिश से सूखती फसलों में जान आ गई है। बिजली आपूर्ति सुचारु नहीं होने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

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