छह साल बाद NIA कोर्ट ने सुनाया फैसला, 28 दोषी करार; तिरंगा यात्रा के दौरान हुई थी हत्या

लखनऊ:  कासगंज में 26 जनवरी 2018 को तिरंगा यात्रा के दौरान भड़के दंगे में चंदन गुप्ता की हत्या के मामले में एनआईए की विशेष अदालत ने 28 आरोपियों को दोषी करार दिया है, जबकि दो को बरी कर दिया। अदालत शुक्रवार को दोषियों को वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से सजा सुनाएगी।

एनआईए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने सरकार बनाम सलीम व अन्य के मामले में गुरुवार को यह फैसला सुनाया। अदालत ने दोष सिद्ध हो चुके आरोपी बरकतुल्लाह के खिलाफ गैर जमानतीय अधिपत्र (एनबीडब्ल्यू) जारी करने का भी आदेश दिया। सभी आरोपियों को आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 341, 336, 307, 504, 506 और वसीम, नसीम, मोहसिन, राहत, बबलू और सलमान को राष्ट्रध्वज अपमान निवारण अधिनियम की धारा – 2 और आयुध अधिनियम की धारा 2/25 जबकि अभियुक्त सलीम को आयुध अधिनियम की धारा 25/27 के अंतर्गत भी दोषी करार दिया गया है। दोषी पाए गए आरोपी सलीम के अदालत में पेश नहीं होने पर उसके खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी किया गया है।

यह था मामला
कासगंज में विश्व हिंदू परिषद, एबीवीपी और हिंदू वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने 26 जनवरी 2018 को तिरंगा यात्रा का आयोजन किया था, जिसमें मोटर साइकिलों पर सवार 100 से अधिक लोगों ने तिरंगा लेकर यात्रा निकाली थी। यात्रा कोतवाली इलाके के बड्डूनगर पहुंची, जहां गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम चल रहा था। तिरंगा यात्रा को आगे नहीं बढ़ने देने से दो पक्षों के बीच तनातनी शुरू हो गई, जिसके बाद पथराव होने लगा। चंद मिनटों बाद ही दंगा भड़क गया, जिसमें चली एक गोली चंदन गुप्ता को लगने से उसकी मृत्यु हो गई। इसके बाद पूरा शहर दंगे की चपेट में आ गया। हालात काबू में नहीं आने पर प्रशासन को इंटरनेट सेवाएं बंद करनी पड़ी।

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