उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान बोले- पूर्व भाजपा की सरकार से 2022 में मिला खोखला खजाना
सिरमौर: हिमाचल प्रदेश की पूर्व भाजपा सरकार ने वर्ष 2022 में खोखला खजाना छोड़ा था। प्रदेश आज आर्थिक रुप से कठिन दौर से गुजर रहा है। लेकिन, आगामी एक वर्ष के भीतर विषम हालातों से पहाड़ी प्रदेश बाहर निकल जाएगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का सपना वर्ष 2032 तक हिमाचल को आर्थिक रुप से आत्मनिर्भर बनाना है। उद्योग, संसदीय कार्य तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने सोमवार को सिरमौर प्रवास के दौरान पांवटा गोंदपुर में पोर्टेबल एक्स-रे मशीन के शुुभारंभ कार्यक्रम में संबोधित करते हुए ये बात कही।
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि हिमाचल आज भी देश का एकमात्र ऐसा राज्य है, जिसमें उद्योगों को 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति होती है। आज भी देश के अन्य राज्यों की तुलना में बिजली की दरें सस्ती हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी क्षेत्र में नौकरी की गुंजाईश कम है। इसलिए निजी क्षेत्र में युवाओं को रोजगार के अवसर पैदा किए जा रहे हैं। इसके लिए हिमाचल में अधिक से अधिक नए एवं बड़े उद्योगों को लाने के प्रयास जारी है। इसके लिए धारा-118 के भी थोड़े जरुरी बदलाव के बारे में गंभीरता से सोचा जा रहा है। उद्योगों की बिजली दरों में कुछ राहत के लिए सरकार सोच रही है। जिससे अच्छे उद्योगों को लाकर प्रदेश की आर्थिक स्थिति सुधारी जा सकेगी।
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि प्रदेश के 75 फीसदी बोर्ड-निगम घाटे में चल रहे हैं। प्रदेश में घाटे में चल रही एचआरटीसी को हर वर्ष करीब 700 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की जाती है। बिजली बोर्ड भी घाटे में चल रहा है। फिर भी जम्मू कश्मीर, उतराखंड समेत पहाड़ी राज्यों में हिमाचल की स्थिति आज भी बेहतर है।