अब दिल्ली और भोपाल के बीच फर्राटा भरती नजर आएगी ट्रेनें, इस वजह यात्रियों के टाइम की होगी बचत

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली से मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के बीच सफर करने वाले यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। इन दो शहरों के बीच चलने वाली ट्रेनें अब फर्राटा भरते हुए नजर आएगी। दरअसल, इस वर्ष रेलवे के झांसी डिवीजन ने अनूठा काम किया है। डिवीजन ने वित्तीय साल 2024-25 में ट्रैक विस्तार, गेज परिवर्तन, कॉर्ड लाइन निर्माण और ऑटोमैटिक सिग्नलिंग जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कई रिकॉर्ड स्थापित किए हैं।
झांसी रेल डिवीजन कुल 151 किलोमीटर रेलवे ट्रैक का निर्माण किया है। इसमें से 115 किलोमीटर ट्रैक पर डबलिंग एवं ट्रिपलिंग का कार्य किया गया, जिससे न केवल ट्रेनें समय पर गंतव्य पर पहुंचेंगी, बल्कि मालगाड़ियों की भी स्पीड बढ़ेगी। गेज कन्वर्जन के तहत 29 किलोमीटर ट्रैक को बड़ी लाइन में बदला गया, जिससे सबलगढ़ और कैलारस जैसे स्टेशनों से ग्वालियर तक यात्रा करना अब अधिक सुविधाजनक हो गया है।
वहीं, इस वर्ष झांसी डिवीजन ने अपनी प्रथम कॉर्ड लाइन का भी निर्माण किया है। 7 किलोमीटर लंबी यह कॉर्ड लाइन दैलवारा और न्यू ललितपुर के बीच बनाई गई है। इस नई लाइन से वंदे भारत एक्सप्रेस सहित अन्य ट्रेनों के यात्रा समय में कमी आएगी और इंजन रिवर्सल के दौरान यात्रियों को होने वाली असुविधा से राहत मिलेगी। डीआरएम दीपक कुमार सिन्हा ने कहा कि झांसी रेल डिवीजन में दूसरी एवं तीसरी लाइन के निर्माण से ट्रेनों की समय के पालन में सुधार हुआ है और मालगाड़ियों का ऑपरेशन अधिक आसान हो गया है।
इस वर्ष ऑटोमैटिक सिग्नलिंग के क्षेत्र में भी झांसी डिवीजन ने उपलब्धि हासिल की है। 104 किलोमीटर ट्रैक पर ऑटोमैटिक सिग्नलिंग का काम पूरा किया गया, जिससे झांसी डिवीजन भारतीय रेलवे का पहला ऐसा डिवीजन बन गया है, जिसने एक ही वित्तीय वर्ष में 100 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में यह काम किया है। इसके अतिरिक्त, 12 स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग तकनीक स्थापित की गई है।