लाइसेंस पटाखा बनाने का…भूरे खां कर रहा था भंडारण, धमाके से दहल गए दिल; पांच छोड़ गए दुनिया

फिरोजाबाद:  सुहागनगरी फिरोजाबाद के शिकोहाबाद ही नहीं बल्कि शहर में पटाखों का अवैध रूप से भंडारण किया जाता है। इसकी किसी को भनक तक नहीं होती है। तत्कालीन जिलाधिकारी ने शहर की घनी आबादी में संचालित होने वाली पटाखा के दुकानदारों को भी नोटिस जारी किया था। लेकिन, अभी तक अधिकांश दुकानदारों ने दुकानों को स्थानांतरित नहीं किया है। घनी आबादी के बीच संचालित होने वाली दुकानें किसी दिन बड़े हादसे का कारण बनेंगी।

शिकोहाबाद कोतवाली क्षेत्र के नौशहरा में सोमवार की देर रात पटाखों के गोदाम में धमाका हो गया। पांच की मौत हो गई। जबकि, कइयों के घायल होने की घटना ने हर किसी को हिलाकर रख दिया। सबसे अहम सवाल तो यह है कि भूरे खां उर्फ नवी अबदुल्ला के पास पटाखे बनाने का लाइसेंस था। लेकिन, वह किराए पर मकान लेकर पटाखों को भंडारित करने में लगा था।

किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। यही कारण रहा कि इतने बड़े हादसे के रूप में सामने आया। शिकोहाबाद ही नहीं बल्कि शहर की बात करें तो शहर में पटाखे की बिक्री की दुकानें घनी आबादी के बीच संचालित हो रहीं है। प्रशासन की ओर से इन दुकानों को आबादी से बाहर स्थापित किए जाने के लिए नोटिस भी दिए गए थे। लेकिन, कोई भी दुकान आबादी के बाहर स्थानांतरित नहीं की गई।

दिवाली करीब आने के साथ ही इन दुकानदारों ने पटाखों को गोपनीय ढंग से भंडारण करना प्रारंभ कर दिया है। जिले के जिम्मेदार अफसरों का इस ओर भी कोई ध्यान नहीं है। प्रशासन को इन दुकानदारों को भी हिदायत देनी होगी कि वह अवैध रूप से पटाखों का भंडारण नहीं कराएं। दुकानों को भी आबादी से बाहर संचालित करें। तभी ऐसे हादसों को रोका जा सकेगा।

घनी आबादी के बीच पटाखों की दुकान संचालित होना गलत है, जिलाधिकारी के निर्देशन में पटाखा बिक्री के लाइसेंसधारकों द्वारा मानकों का पालन किया जा रहा है कि नहीं इसकी जांच कराई जाएगी। ताकि ऐसे हादसों को रोका जा सके। -राजेंद्र कुमार, नगर मजिस्ट्रेट

कस्बा पाढ़म, धातरी, मटसेना में भी बनते हैं घरों में पटाखे
जसराना थाना क्षेत्र के कस्बा पाढ़म में पटाखा बनाने का कारोबार किया जाता है। पांच लोगों के पास पटाखा बनाने का लाइसेंस है। यू तो पटाखा बनाने वाले लोग शहर से दूर पटाखा बनाने का दावा करते हैं। लेकिन, स्थानीय लोगों की मानें तो कस्बा के तीन मोहल्ले ऐसे हैं, जहां दिवाली से पूर्व घरों में पटाखा बनाने का कार्य बड़े स्तर पर होता है।

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