दुर्गा पूजा में दिखेगा आरजी कर मामले का असर, सती जैसी पुरानी प्रथाओं की कलाकृतियों से सजेंगे पंडाल

कोलकाता:पश्चिम बंगाल में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले को लेकर देशभर में नाराजगी है। अब इस क्रूर घटना का असर दुर्गा पूजा में भी दिखाई देगा। दरअसल, इस साल के दुर्गा पूजा उत्सव के अनगिनत विषयों में विधवाओं के आत्मदाह की पुरानी प्रथा ‘सती-दाह’ और अजंता गुफा की कलाकृतियां शामिल होंगी। इसके अलावा, कोलकाता के एक पंडाल के आसपास भित्तिचित्रों में भी दिखाई देंगी।

हर साल सामाजिक मुद्दों को उठाया जाता है
हर साल पश्चिम बंगाल में कई पूजा आयोजक सामाजिक मुद्दों और वर्तमान घटनाओं से संबंधित विषय चुनते हैं। इन मुद्दों को दिखाने के लिए पूजा आयोजक अपने पंडालों, मूर्तियों और लाइटों का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, इस बार प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ हुई क्रूर घटना पर जूनियर डॉक्टर लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही इस बात पर बहस छिड़ी हुई है कि क्या इस दुखी माहौल में पूजा को धूमधाम से मनाया जाना चाहिए।

दुर्गा पूजा के आयोजक दो वर्गों में बंटे
दुर्गा पूजा आयोजकों का एक वर्ग पहले से बनाई गई अपनी योजनाओं के अनुसार आगे बढ़ रहा है। उनका मानना है कि त्योहार को अन्य मुद्दों के साथ नहीं जोड़ा सकता। वहीं एक वर्ग ने निर्णय लिया है कि वे नौ अगस्त की भयावह घटना को पंडाल के चारों ओर भित्तिचित्रों के माध्यम से दर्शाएंगे।

दक्षिण कोलकाता में नक्तला नाबापल्ली दुर्गापूजा समिति के एक आयोजक ने कहा, ‘उत्सव के दौरान हम तिलोत्तोमा के लिए न्याय की मांग करते हुए पोस्टर लगाएंगे। हमारे इलाके और पंडाल की ओर जाने वाली सड़कों पर महिलाओं की सुरक्षा की मांग करते हुए भित्तिचित्र बनाए जाएंगे।’ बता दें, कुछ पत्रकारों ने मृतक डॉक्टर को तिलोत्तोमा नाम दिया है।

यह कलाकृतियां बनाई जाएंगी
एक पूजा समिति के प्रवक्ता ने कहा, ‘हमारे पंडाल में महिलाओं पर हमलों से मुक्त विश्व की मांग, यौन शोषण पीड़ितों के लिए न्याय और महिलाओं को रात्रि विश्राम का अधिकार देने की मांग वाली भित्तिचित्र होंगी। ये कलाकृतियां कला महाविद्यालयों के छात्रों और स्थानीय लोगों द्वारा बनाई जाएंगी।’

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