भारत के बजट पर मूडीज की प्रतिक्रिया, कहा- रेटिंग पर कोई फर्क नहीं, कर्ज के बोझ को कम करने की जरूरत

रेटिंग एजेंसी ‘मूडीज’ ने शनिवार को कहा कि भारत की सॉवरेन रेटिंग को तुरंत अपग्रेड नहीं किया जाएगा। हालांकि, सरकार वित्तीय प्रबंधन को सही दिशा में ले जाने और वित्तीय घाटे को 2025-26 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.4 फीसदी तक घटाने का प्रयास कर रही है।

मूडीज के उपाध्यक्ष क्रिश्चियन डी गुजमैन ने कहा, हम सरकार के वित्तीय अनुशासन और घाटे को कम करने के प्रयासों को सकारात्मक मानते हैं। लेकिन ये सुधार अभी सॉवरेन रेटिंग को अपग्रेड करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। मूडीज अभी भारत की सॉवरेन रेटिंग को ‘बीएए3’ पर बनाए रखे हुए है, जो कि निवेश की सबसे निचली श्रेणी की रेटिंग है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में वित्त वर्ष 2025 के लिए 4.8 फीसदी और वित्त वर्ष 2026 के लिए 4.4 फीसदी के वित्तीय घाटे का अनुमान लगाया है। मूडीज ने कहा कि रेटिंग अपग्रेड करने के लिए कर्ज का बोझ कम करना और अधिक राजस्व पैदा करने के उपायों की जरूरत है। इसके अलावा, ऋण सेवा पर व्यय सरकार के बजट का सबसे बड़ा हिस्सा बना हुआ है।

मूडीज ने भारत के विकास के दृष्टिकोण को सकारात्मक माना और कहा कि भारत आने वाले वर्षों में जी20 देशों में सबसे तेजी से वृद्धि करने वाली अर्थव्यवस्था हो सकती है। हालांकि, रेटिंग एजेंसी ने तेल की कीमतें, मुद्रा अस्थिरता और खाद्य मूल्य परिवर्तन जैसे बाहरी कारणों से भारत की महंगाई दर के प्रभावित होने की आशंका जताई।

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